Wednesday, 1 June 2022

बाप मजबूर है

बाप मजबूर है
ऐसा नहीं कि उसे कुछ कमी है
धन - दौलत , संपत्ति सब कुछ तो है
सरकारी नौकरी , नाम और ओहदा भी है
भगवान की दया से सब कुछ है
बाल - बच्चे  , सुशील पत्नी , नाते - रिश्तेदार 
वह बहुत मजबूत है
फिर भी मजबूर है
कारण वह एक बेटी का बाप है
वह भी हिंदुस्तान की 
जहाँ पग - पग पर धोखा और फरेब का डर हो
किसके हाथ में दे अपनी बेटी का हाथ
किसके ऊपर विश्वास करें 
किसको सौंपे उसका जीवन
यह सोच - सोच कर हो रही उसकी नींद हराम
आए दिन अन वांछित घटनाएं 
जिसे पढ और सुन मन कांप उठता है
ईश्वर न करें 
कभी यह हमारे साथ हो
वह रहता हरदम डरा और घबराया 
सबके सामने सिर झुका रहना
क्योंकि वह बेटी का बाप है
तभी तो मजबूर है ।

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