Wednesday, 1 June 2022

वह तो है माँ

वह रहती हर दम साथ - साथ
सुख - दुख में निभाती साथ
हंसती - रोती साथ 
मन में भी बाहर भी
हर जगह साथ - साथ
उसका साथ तो नहीं किसी की आस
सब पर वह रहती भारी
मुझे कुछ सोचने की नहीं जरूरत 
वह है तो बस है
सब कुछ सोच उस पर डाल मैं निश्चिंत 
वह मेरा बैंक बेलेंस 
जो चाहिए तब उससे ले लूँ 
वह पैसा हो प्यार हो
सम्मान हो अभिमान हो
वह सब लुटाती 
तब भी उसकी झोली रहती भरी - भरी
सोच लो मनन कर लो
तब भी न जानो तो
सुन लो 
वह है माँ बस माँ 

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