Wednesday, 1 June 2022

दर्द ही दर्द

मन में दर्द 
तन में दर्द 
दर्द ही दर्द 
दर्द के साथ जीवन
नहीं होता आसान 
कभी ऑपरेशन कभी दवाई
कभी चिंतन- मनन ,कभी ध्यान- धर्म 
करने की दी जाती सलाह
ये तो दर्द निवारक है
कुछ क्षण के लिए आराम
फिर वैसे का वैसा 
कब तक जीए दर्द में 
अब तो जी गया है ऊब
बस हर समय निकलती है ऊफ ऊफ
कब होगा छुटकारा इससे
यही सोचते- सोचते बीता जाता जीवन

No comments:

Post a Comment