सब कुछ बराबर मात्रा में
फिर भी कुछ फीका फीका सा
मजा तो तब आता है
जब मिर्ची ज्यादा हो
ऑख में पानी
मुख से सी सी की आवाज
फिर भी खाना स्वादिष्ट
तेल - मसाले से भरपूर ही भाता
नमक भी कम नहीं
चटकदार हो
रिश्ते भी तो वैसे ही
घर -परिवार में अनबन, टोका-टोकी
तभी वह मजेदार लगता है
अकेले-अकेले, शांत- शांत
उसमें वह मजा नहीं
जैसे खाना बिना नमक के
वैसे ही रिश्ते भी नमकीन हो
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