तब राजा दशरथ को देखें
राम वियोग में माता ने नहीं
पिता ने प्राण छोड़ा था
बेटे का वियोग वह सह नहीं पाए
जिसके कि दोषी कहीं न कहीं वे भी थे
पिता का त्याग देखना हो
वसुदेव को देखें
जो आधी रात को अपने छोटे शिशु को लेकर
यमुना पार कर रहे थे उफनती नदी और बरसात में
पिता का त्याग देखना हो तो
अर्जुन को देखें
जो जयद्रथ वध नहीं करते
तब अग्नि समाधि ले लेते
अभिमन्यु की मृत्यु सहना वह भारी हो गया था
पिता का त्याग देखना हो तो
रावण को देखें
मेघनाथ के मरने के बाद
तो जैसे सब खत्म
पहली बार चेहरे पर हताशा और निराशा
पिता का त्याग देखना हो
धृतराष्ट्र को देखें
दुर्योधन के लिए सब कुछ सहा
यहाँ तक कि पांचाली का चीरहरण भी
युधिष्ठिर से बेईमानी भी
वह पिता थे
गलत था बेटा
पर पुत्र मोह में बंधे न्याय नहीं कर पाए
अपने प्रिय अनुज पुत्रों के साथ
इतिहास में बदनाम तो हैं ही
ऑखों से ही नहीं
पुत्र मोह में भी अंधे
अच्छा - बुरा
उचित - अनुचित
चोर - डकैती
बेईमानी- ईमानदारी
सब कुछ करता है वह
पिता है न वह
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