हाँ जब से शुरू हुआ अनवरत चल ही रहा है
न जाने कितने मोड आए
कितने मुकाम आए
कभी-कभी तो ऐसे लगा शायद अब नहीं होगा
हताशा और निराशा
फिर हिम्मत करके चल पडे
कभी समतल तो कभी-कभी कंकरीली - पथरीली राहें
कभी-कभी विशाल चट्टान का आडे आना
कभी-कभी जोरदार अंधड और तूफान
लगा सब बह जाएंगा
सब नष्ट-भ्रष्ट हो जाएंगा
ऑधिया चलती रही
हम लडते रहें
कुछ रास्ते ऐसे भी मिले जिसने सफर को जारी रखने की हिम्मत दी
नया आयाम और दिशा दी
साथ दिया
सफर में न जाने कितने मिले कितने बिछुडे
सबने अपनी एक याद छोड़ी
वह अच्छी भी बुरी भी सबक भी
हम हमेशा सीखते रहे
आज भी सीख ही रहे हैं
रास्ते भी तो नए बन रहे हैं
जिसकी जानकारी ही नहीं
कल कहाँ मोड ले ले यह तो पता नहीं
यह पता तो गुगल मैप भी नहीं बता सकता है
यह राह इतनी आसान और सरल नहीं
इसकी मंजिल से भी बेखबर
पर इतना पता है
बस चलना है और चलते जाना है ।
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