अचानक आती है
असमय आती है
दबे पाँव आती है
सबको अचम्भित कर जाती है
कौन जानता था
जो शख्स खडा होकर गा रहा है
लोगों का मनोरंजन कर रहा है
भीड़ उसे सुनने को जुटी है
वही कुछ पल बाद उन्हें छोड़ जाएंगा
किसी ने कल्पना भी न की होगी
होनी को लेकिन कौन टाल सकता है
गाते - गाते के के चले गए
लोगों को रोते - रोते
जो भी उस दिन वहाँ मौजूद होगा
उस मंजर को भूलना आसान नहीं होगा
जीवन की अनिश्चितता समझ में आ गई होगी
इस गायक को सादर पूर्वक श्रद्धांजलि
परिवार को सहनशक्ति दे
कल हो न हो पर के के हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे।
No comments:
Post a Comment