कभी इस डाली पर
कभी उस डाली पर
उछलकूद में मस्त है
उस पेड पर क्या रसीले और बडे - बडे आम
यहाँ पर रहने से क्या फायदा
यहाँ का तो हम सब खाकर और चूस कर फेंक चुके हैं
अब इससे मोहमाया छोडो
उस पर चलो
चुपचाप चलो
नहीं तो भावना में बह जाओगे
उस तरफ नजर भी मत डालना
इस पर रहकर बहुत खा लिए
मजा कर लिए
मोटे मोटे और तंदुरुस्त हो गए
जब आए थे तब पिद्दी से थे
अब वहां किया जाएंगा
यहाँ पर अब छोटी छोटी चिडिया को बैठने दो
सब एक साथ कूदेगे और चढेगे
कोई पीछे न रह पाएं
यह ख्याल रखना
सब एकजुट रहना
तभी अपना वर्चस्व रहेंगा
किसी को भी बीच में आने मत देना
इंसानो से कुछ सीखो
तुम तो उनके पूर्वज हो
तुम चाहो तो किसी को भी उजाड़ सकते हो
जिस पेड़ पर बैठे हो
उस पेड़ का फल खाकर उसकी डाली तोड़ सकते हो
जरा राजनीति के दांव पेंच करों
आगे क्या कहना क्या सुनना
तुम तो माहिर खिलाड़ी हो
No comments:
Post a Comment