लोग कभी उनसे दूरी बनाए रखना चाहते हैं तो कभी जरूरत भी
कारण कि इनकी दुआ और बददुआ दोनों लगती है
यह मानना है
पर किन्नर क्या मानते हैं
क्या इनका जन्म इसीलिए हुआ है
ईश्वर ने उनको हाथ - पैर सही सलामत दिए हैं
काम कर सकते हैं
हाथ पसारना
जबरदस्ती लोगों से पैसे लेना
धमकी देना
तब कहाँ से इनका सम्मान होगा
मेहनत और सम्मान की रोटी खाएं
लोग इनसे भयभीत न रहें
दुआ या बददुआ नहीं
काम के लिए जाएं
कुछ किन्नर सफलता से आगे बढ रहे हैं
समाज उसको स्वीकार भी कर रहा है
लेकिन दूसरे के स्वीकार- अस्वीकार से क्या फायदा
ये लोग अपना समाज बदले
धारणा बदले
कानूनी हक भी मिला है
नाचना - गाना ही नहीं और भी पेशा अपनाए
आगे तो बढे
सोच को विकसित करें
किन्नर है इसलिए जीवन व्यर्थ है इस बात को मन से निकाल दे
सम्मान और इज्जत से रहें।
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