हर तरफ पानी
इतना खौफनाक मंजर
जीवनदायिनि, जीवन लीलने लगी
हर तरफ हाहाकार
तबाही का मंजर
जम कर जल प्रहार
सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा
जो आ रहा सामने
सबको हटा रहा
अपने में समा रहा
नदिया उफान पर
समुदर भी उछल रहा
सबको अपने में समा रहा
मानो तांडव कर रहे हो
कब तक यह विनाश लीला होगी
रेगिस्तानी इलाकों में भी बाढ
प्रकृति भी बदल रही
अपना कहर ढा रही
बेबस सब देख रहें
सब अकल हो गई फेल
जब पानी ने खेला अपना खेल
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