Wednesday, 27 July 2022

किससे कहे

हर सीप में मोती नहीं होता
हर दिल में भावना नहीं होती
अगर होती तब तो
इतना अत्याचार और अनाचार न होता
किसी की खुशियों को रौंदा नहीं जाता
किसी को धोखा देकर अपने सपनों का महल न तैयार करते 
किसी के शव पर जश्न नहीं मनाया जाता
किसी बेजुबान की हत्या नहीं होती
चोरी ,डकैती और कत्ल न होते
डंके की चोट पर भ्रष्टाचार न होता
चोर ही सीना जोरी नहीं करता
कमजोर को दबाया न जाता
नैतिकता और ईमानदारी सर उठाकर चलती
अफसोस ऐसा नहीं है
वही सुखी है जो इन सब में लिप्त है
बदमाशों का सर गर्व से ऊंचा 
न्याय की आशा करना व्यर्थ 
कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते जिंदगी खत्म 
मन मारकर रहना
मुंह बंद कर रहना
सब कुछ देख कर भी बर्दाश्त करना
यह सब होता है 
भावना विहीन के कारण 
तभी तो कहा है
हर सीप में मोती नहीं होता 
हर दिल में भावना नहीं होती 
अगर होती तब 
इस दुनिया में जीना इतना मुश्किल नहीं होता
कदम कदम पर धोखे
कदम कदम पर छल कपट
कदम कदम पर डर
कदम कदम पर खतरा 
भविष्य अंजान 
मौत के साये में जीती जिंदगी 
कहाँ जाएं 
कहाँ पनाह ले
किससे कहें 



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