Thursday, 7 July 2022

उच्चभ्रू सोसायटी

ख्वाब हैं महलों के
मन है भिखारी सा 
मुफ्त का रहना 
सब सुविधाओं का लाभ उठाना
मेन्टेन्स देने में आनाकानी 
बातें बडी बडी
नहीं है वह व्यवहार में लागू
कामवाली को समय से पैसे न देना
सब्जी वाले से झिक झिक करना 
बेचारे किसी गरीब का पैसा मारना 
काम करवा कर कुछ टिका देना
ज्यादा बोले तो रौब जमाना 
वाॅचमैन को अपने घर का नौकर समझना
अपना व्यक्ति गत कार्य करवाना
स्वीपर को भी धौस जमाना
यह आजकल सभी कमोबेश सोसायटी का दृश्य 
कुछ सदस्य ऐसे हर जगह
दूसरों के घर की बातों में रस लेना
टोका टोकी करना
कहने को शिक्षित और सोफेस्टिक 
पर वह तो सबसे गए - गुजरे
अब इनसे कैसे निपटा जाए
कहने को तो मिलेनियर 
उसी तरह जैसे Slumdog millionaire 
हरकतें बद से बदतर 

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