तीन दोस्त मिले
दिल भी खिले
एक ही पौधा
तीनों लहलहा रहे
एक ही मिट्टी में सब बडे
एक ही माँ के जाये
सबको खिलने का हक
सबको स्पेस मिले तो कोई क्यों न फले - फूले
ऐसा होता नहीं न
एक - दूसरे को पीछे करने की होड में
कमतर आकने में
मीनमेख निकालने में
उम्र बीत जाती है
बाद में सोचते रह जाते हैं
ऐसा होता तो
वैसा होता तो
वह हुआ नहीं न
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