Wednesday, 13 July 2022

हर एक गुरू को नमन

अपने हर उस गुरु को नमन 
जिसने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सिखाया 
किसी ने प्रेम से किसी ने आलोचना से
किसी ने समझा कर 
किसी ने डांट फटकार कर
सीखा तो हमने उन्हीं से
वे नहीं होते तो शायद जीवन के इस मुकाम पर हम पहुँचते ही नहीं 
अंजान ही रहते
पग - पग पर गुरू मिले
सभी से हमने कुछ न कुछ सीखा
शिक्षा केवल पाठशाला में नहीं 
और केवल किताबों में नहीं 
किताबों के अलावा विस्तृत दुनिया है
वह बिल्कुल भिन्न है
पाठशाला में हम पढते हैं 
फिर परीक्षा देते हैं 
जिंदगी की पाठशाला तो पहले ही परीक्षा ले लेती है
बाद में हम सबक लेते हैं और सीखते हैं 
किसी का नाम स्मरण 
किसी का नहीं 
लेकिन गुरु तो सब रहे हैं 
गुरू पूर्णिमा के पावन अवसर पर 
अपने हर एक गुरू को नमन
आभार और नमस्कार 

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