Friday, 8 July 2022

आफत की बारिश

बारिश आती है
वैसे तो यह सबको भाती
किसी के लिए गम
किसी के लिए खुशी 
लाती है
यह जब विकराल रूप धारण करती है
लोगों के घर उजाड़ जाती है
उनकी दुनिया बर्बाद कर जाती है
सब तहस नहस कर जाती है
किसी के जान को लील जाती है
कोई गटर में तो कोई नदी में बह जाता है
घर का छप्पर भी उडा ले जाती है
बिजली तो गिराती है
तांडव भी मचा जाती है
ऐसे में जब बारिश आती है
तब गमगीनी छा जाती है
मन कांप उठता है
मुक्त भोगी इसे कैसे भूल सकता है
उसके लिए तो बारिश आफत की लगती है

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