अपनी किताब बंद मत करें
हो सकता है कुछ पन्ने पसंद न आएं
तो आगे बढे
अगले पन्नों को पलटें
कुछ तो पसंद आ ही जाएंगे
न जाने कितने चैप्टर हो
हर चैप्टर पसंद हो यह जरूरी नहीं
समझ भी आए यह भी जरूरी नहीं
उन चैप्टर को छोड़ आगे बढ़ें
जो पसंद आए उन्हें पढें
प्रथम और अंतिम को मत छोड़े
खत्म तो करें ही
आखिर तक आते-आते सब समझ आ जाएंगा
इतना गुणा- गणित की जरूरत नहीं है
सब कुछ पढना
सब कुछ समझना
यह तो मुश्किल है
मुमकिन बनाइए
आसान बनाइए
अपनी पसंद को साथ रखें
उसे मत छोड़े
जितना जरूरी है उतना करें
हो सकता है जो चैप्टर या पन्ना समझ में आया है
प्रश्न पत्र में प्रश्न उन्हीं से हो
जिसका उत्तर आप आसानी से दे सकते हो
तब यह तो करना ही है
अपनी किताब बंद नहीं करना है
फिर वह चाहे
जिंदगी की हो
पाठ्यक्रम की हो ।
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