मन भी नृत्य करता है
आनंदित होता है
हालांकि पैर थिरकते नहीं है
इन पैरों में बरसों पहले जो बेडियाँ बांध दी गई थी
वह आज भी खुली नहीं है
आज तो जन्म लेते ही बच्चों को डांस क्लास में डाला जाता है
उनके पैर थिरकते रहते हैं
माता-पिता और रिश्तेदार खुश होते हैं
तालियाँ बजती है
जिसको नाचना नहीं होता है वह भी नाचने लगता है
हमारा समय अलग था
हम जिंदगी की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भागम-भाग करते थे
पैर नहीं जिंदगी हमें नचाती थी
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