तू है मूषक पर सवार
है पार्वती का लाल
तुझे मोदक से प्यार
हर बरस तू आता
सभी को आशीर्वाद दे जाता
तेरे दर पर सब समान
क्या अमीर क्या गरीब
सभी तेरे दर पर शीश नवाते
है तो तू लंबोदर
सब पर कृपा बराबर
दुर्वा से तू होता प्रसन्न
अपनी श्रद्धा से जो कोई भजता
जैसे भी भजता
जो भी श्रद्धा सुमन अर्पण करता
तू सबको प्यार से ग्रहण करता
महलों से लेकर झोपड़ी तक में विराजता
यही तो है तेरी विराटता
आज है जाने की बारी
सबकी ऑखों में हैं अश्रु
बिदाई का गम तो है
साथ ही है आनंद की आशा
हे भोले बाबा के लाल
तेरी कृपा अपरम्पार
हर बार तू आए
सबको आनंदित कर जाएं
अगले बरस फिर जल्दी आने का वादा कर
अपना आशीर्वाद दे जाएं
विघ्नहर्ता सबका दुख हरो
सब कहते रहे
बप्पा मोरया बप्पा मोरया
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