Sunday, 25 September 2022

क्यों रोना

रोना बंद करो
अपनी गाथा सुनाना बंद करो
यही चलता रहा 
लोग हंसते रहेंगे 
सामने तो नहीं पीठ पीछे कहेंगे 
कभी-कभी सामने भी
हर दम रोना 
और कुछ काम नहीं 
तुम सोचेगे 
मैं तो मन की बातें बता रही हूँ 
सामने वाले को तो यह लगता नहीं 
वह सोच भी सकता है
जलन है मुझसे 
भले वह तुम्हारी मदद न करें 
फिर भी वह ताना तो मार ही देगा 
रहिमन मन की व्यथा मन ही राखो कोय
सुन इठलैहे लोग बाँट न लैहे कोय 

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