Sunday, 25 September 2022

हमारे पेड़

हरे - भरे , फलों से लदे
ये हमारे पेड़ 
न जाने क्या कुछ कहते हैं 
सदियों से साथी हैं हम
आप हमें जितना देंगे 
उससे ज्यादा हम देंगे 
बस इतना ही करना है
हमसे नाता न तोड़ना
नहीं तो न हम बचेंगे न तुम

No comments:

Post a Comment