मशहूर कामेडियन राजू श्रीवास्तव दुनिया को अलविदा कह गए
साधारण सा चेहरा मोहरा नहीं था किसी से अंजान
एक अपनापन सा लगता था
हास्य की दुनिया का गजोधर क्या खूब हंसाता था
गुदगुदी कर जाता था दिलों में
रोना और रूलाना आसान है
हंसना और हंसाना बहुत मुश्किल है
किसी के होठों पर हंसी लाना आज के युग की जरूरत है
न जाने कितने दिनों से अस्पताल में थे
लगता था अब उठ जाएंगे और फिर महफिल सजाने लगेंगे
लोगों को हंसाने लगेंगे
वक्त के आगे किसी की नहीं चलती
ईश्वर का निर्णय है
सबसे बडा तो ऊपरवाले का हुक्म है
वह जिसको चाहे रुलाए या फिर हंसाए
हंसाने वाला आज सबको रूलाकर चला गया
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे
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