है बहुत कीमती
क्या पता कल हो न हो
रूखसत होने से पहले कर लो कुछ काम
कल की तो सोचो मत
आज और अभी से
आएगा या नहीं
दिल के टूटे तार जोड़ लो
रूठो को मना लो
अपने जो नाराज है उनकी नाराजगी दूर कर दो
जो दूर हो गए हैं
उन्हें पास ले आओ
साथ कुछ न जानेवाला
न रूपया न संपत्ति
बस लोगों के दिलों में घर बना लो
ताकि सुकून तुमको भी मिले
जाते जाते कोई गिला - शिकवा न रहें
कहने को तो जिंदगी बहुत बडी भी है
बहुत छोटी भी है
क्योंकि इसका कोई ठिकाना नहीं है
कब सांसों की बागडोर तोड़ ले
बिना कहे चली जाएं
कुछ कह लो
कुछ सुन लो
मन का मैल दूर कर लो
जो भी है
उसको तो जी भर कर जी लो
बहुत खुबसूरत है हर पल
पल - पल को जी लो ।
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