Thursday, 22 September 2022

काश ! मैं भी कर्ज लेता

पुराने जमाने से एक बात चली आई है
कर्जा लेना ठीक नहीं 
व्यक्ति को दलदल में डुबो डालता है
अपने बडों के मुख से भी यही सुना गया हो
आज अलग जमाना 
आज रहना है शान से
तब कर्जा तो लेना है
हर कोई देने को तैयार 
गाडी , घर ,फर्नीचर,  शिक्षा  , पर्यटन 
सबके लिए कर्जा सुलभ
बैंक बुला रहे हैं 
कंपनियां भी है
इसके अलावा सरकार भी कर्जे की पक्षधर 
चुनाव आते ही घोषणा 
बिजली बिल माफ
किसान का कर्जा माफ
यह तो हुए सामान्य लोग
बडे बडे उद्यगपति भी कर्जा लेकर रफूचक्कर 
विदेश गमन
बैंक भी दिवालिया घोषित 
बचा कौन ??
नुकसान में कौन 
जिसने कर्जा नहीं लिया
अपनी आय में ही सीमित रहा
टैक्स भी भरा
यह सब सोचकर 
वह भी अफसोस करता है
काश मैं भी कर्ज लेता ।

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