रूपया - पैसा
सोना - चांदी
हीरे - मोती
प्रापर्टी- बैंक बैलेंस
यह सब भी हो पास अगर
तब भी है खुशहाल क्या वह
जिसके पास है सब ऐशो-आराम
तिस पर भी उसके पास नहीं है सुकून
मन की खुशी असली खुशी
महलों में भी दुख
झोपड़ी में भी सुख
सब है मन के अधीन
किसी को गद्देदार बिस्तर पर नींद मयस्सर नहीं
किसी को पथरीली जमीन पर भी आराम की खर्राटे भरी नींद
खाली हाथ होते हुए भी होठों की हंसी बरकरार
सब भरा होने के बावजूद ऑखों में पानी
सुख - दुख के पैमाने क्या
यह कैसे मापे
इसके लिए कौन सा तराजू
शायद इसका पैमाना बना नहीं
इसकी परिभाषा हुई नहीं
यह तो जीवन - मृत्यु के बीच झूलता
मानव जीवन की कथा कहता
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