नामीबिया से भारत आया
पिंजरे में बंद रहना उसे जरा भी न भाया
हवाई जहाज की यात्रा उसे रास न आई
सारी सुख सुविधा कोई मायने नहीं
वह तो तब होता प्रसन्न चित्त
जब वह मन भर धाए
कुलांचे मारे
पलक झपकते ही ओझल
इनकी रफ्तार के सब कायल
चीते बिना तो जंगल सूना
अब मिला देश को तोहफा
वह है नायाब चीता
जो विलुप्त हो गए थे
वह फिर दौड़ लगाएँगे
शेर की दहाड़
हिरण की कुलांचे
चीते की फुर्ती
यह देखने तो आएंगे पर्यटक
अपने बच्चों को परिचित करवाएगे
पर्यटन को भी नई धार
उनकी भी बढ़ेगी रफ्तार
एम पी का कूनो उधान भी निखरेगा
एम पी में भी कुछ बात है
वहाँ चीतों का वास है
स्वागत है चीतों का
धन्यवाद है इनको लाने वाले का ।
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