किस सोच में खडी हो
ऑखों में चमक होठों पर मुस्कान
खिली - खिली रंगत
ऊपर से झम झम करता झुमका
कुछ कान में कहता है
किसी की याद दिला जाता है
अनायास ही मन खुश हो जाता है
यह खुशी सुंदरता में चार चाँद लगा जाती है
सब मुग्ध हो उठते हैं
मुख से निकल उठता है
कौन है नारी
जिसका सौंदर्य है इतना भारी
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