Tuesday, 13 September 2022

नारी का सौंदर्य

किस सोच में खडी हो
ऑखों में चमक होठों पर मुस्कान 
खिली - खिली रंगत 
ऊपर से झम झम करता झुमका 
कुछ कान में कहता है
किसी की याद दिला जाता है
अनायास ही मन खुश हो जाता है
यह खुशी सुंदरता में चार चाँद लगा जाती है
सब मुग्ध हो उठते हैं 
मुख से निकल उठता है
कौन है नारी
जिसका सौंदर्य है इतना भारी

No comments:

Post a Comment