Monday, 10 October 2022

कृष्ण --12

अक्षराणामकारो स्मि द्वन्दः सामासिकस्य च ।
अहमेवाक्ष्यः  कालों धाताहं  विश्वतोमुखः । ।

अक्षरों में मैं अकार हूँ 
समासों में द्वंद्व समास हूँ 
मैं शाश्वत काल भी हूँ 
और स्रष्टाओं में  ब्रह्मा हूँ  ।

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