Saturday, 15 October 2022

कृष्ण -- 17

दण्डों  दमयतामस्मि  नीतिरस्मि जिगीषताम्  ।
मौनं चैवास्मि गुह्नानां  ज्ञानं ज्ञानवतामहम् ।।


अराजकता को दमन करने वाले समस्त साधनों में से मैं दण्ड हूँ ।
जो विजय के आकांक्षी हैं,  उनकी मैं नीति हूँ ।
रहस्यों में मैं मौन हूँ ।
और बुद्धिमानों में ज्ञान हूँ  ।

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