Friday, 7 October 2022

कृष्ण--9

प्रह्लाद श्चास्मि दैत्यानां कालः कलयतामहम् ।
मृगाणां  च मृगेन्द्रो हं वैनतेयश्च पक्षिणाम् ।।

दैत्यों में मैं भक्त राज प्रह्लाद हूँ 
दमन करने वालों में काल हूँ 
पशुओं में सिंह हूँ 
तथा पक्षियों में गरूण हूँ  ।

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