Wednesday, 12 October 2022

आदर और चादर

चादर और आदर
यह सबको नहीं देना चाहिए 
आदर का अधिकार उसी का
जो स्वयं भी आदर करना जाने
चादर भी उसी को
जो उसकी कदर करें 
यह नहीं कि तुम्हारी ही चादर में छेद कर दे 
ऐसे बहुरूपिये बैठे हैं 
जो दिखते तो कुछ 
होते कुछ हैं 
मुखौटा ओढे रहते हैं दिखावे का
अंदर से बिल्कुल खोखले
सोच समझ कर
आदर भी दे
चादर भी दे
नहीं तो पछतावा होगा ।

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