Tuesday, 20 December 2022

प्रेम का हिसाब

प्रेम का हिसाब नहीं होता
उसका गणित हटकर होता है
वहाँ नफा - नुकसान नहीं देखा जाता
क्या दिया क्या लिया
इसके बदले उसके बदले
यहाँ देनदारी नहीं होती
मन की खुशी होती है
सब कुछ लुटा कर भी खुश रहता है व्यक्ति 
एक मुस्कान के पीछे न जाने क्या- क्या वार देता है
माँ की रोटी का मूल्य 
पिता की मेहनत का मूल्य 
यहाँ कोई गिनता नहीं है
न हिसाब रखता है
प्यार ही तो है जिससे दुनिया जीवंत है
उसकी सांसें चल रही है
किसी के लिए कुछ करना है
उस करने का सुख - खुशी
उनसे जानो 
जो खुद भूखा रहकर भी अपनी संतान का पेट भरा देख प्रसन्न हो जाता है
अपना मन मार कर उनकी इच्छाओं की पूर्ति करती है
वह पत्नी जो पति का पेट भरा देख सारी सुबह से शाम तक की तकलीफ भूल जाती है
वह बेटा जो शहर में रहकर मजदूरी कर माँ- बाप को पैसे भेजता है
वह भाई जो बहन की सुरक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है 
एक राखी के धागे में अपने भाई को बांध लेती है
माँ के बाद दूसरी प्यार करने वाली व्यक्ति यही है
यह सब प्यार और विश्वास का प्रमाण है ।

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