है बहुत लाजवाब
यहाँ घर से निकलता है व्यक्ति
भागता है दौड़ता है
बस , रेल , ऑटो पकडता है
भीजता है
छाता तो बस नाम का है
हाँ उफ नहीं करता
भजिया खाता है कटिंग चाय पीता है
चल निकलता है
काम करता है
शाम को फिर भागता है
उसी ओर जहाँ से आया था
गरम गरम बडा पाव लेता है
ठंडा पानी पीता है
ऑखे लगी रहती है समय पर
परेशान होता है
कीचड़ से ट्रैफिक से
दिल से धन्यवाद देता है प्रभु को
बारिश तो आई
सबके मन भाई
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