Saturday 8 July 2023

शुक्रिया दोस्तों

जो जितना साथ दे
जब तक दे
जहाँ तक दे
जिस तरह से दे 
एहसान मानिए 
वह अच्छे बुरे दिनों में आपके साथ रहा है
उसके साथ सुख - दुख बांटे हैं 
हंसे खिलखिलाएं हैं 
लडे झगड़े हैं 
मान - मनुहार किया है
जगत ही परिवर्तन शील है
यह बात संबंधों में भी है 
वह संबंध पहले जैसा न हो
उतने ही समय तक का लिखा हो
नियति ने जितना तय किया है
प्राथमिकता बदल गई हो 
नजरिया बदला हो
पहले जैसी बात न हो
संबध तो वही है समय नहीं है
कुछ और समस्या हो
अब आपस में तालमेल न हो
लेकिन जो अच्छा समय गुजरा है साथ में 
उसका एहसास तो है
कटुता से कुछ हासिल नहीं 
उन क्षणों को याद किया जाएं 
जो साथ में गुजारे हैं 
अपने आप चेहरे पर मुस्कान आ जाएंगी
हदय में प्रेम हिलोरे लेने लगेगा 

जो भी गुजरा , जैसा गुजरा 
हर पड़ाव पर साथी मिले
कुछ हैं कुछ बिछड़े 
सबका शुक्रिया 

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