जो अपने देश को भारत माता की संज्ञा देते हैं
नदी को भी माता कहते हैं
शक्ति की उपासना करते हैं
बेटी को देवी का स्वरूप मानते हैं
सीताराम , राधेश्याम और गौरी शंकर
पत्नी का नाम पहले लगाते हैं
लक्ष्मी , सरस्वती को धन और विद्या की देवी मानते हैं
उसी भारत में सीता हरण भी होता है
द्रौपदी को निर्वस्र करने का प्रयास किया जाता है
अहिल्या को शिला बना दिया जाता है
लक्ष्मी बाई , इंदिरा गांधी इसी भारत माता की संतान
तब भी न जाने कितने निर्भया कांड होते रहते हैं
सामुहिक बलात्कार, जलाना , टुकड़े- टुकड़े करना
हमेशा नारी ही टारगेट होती है
चाहे युद्ध हो
आपस के द्वंद हो
धार्मिक उन्माद हो
यहाँ तक कि छोटी छोटी बात में गाली गलौज में
माँ, बहन , बेटी को बख्शा नहीं जाता है
फिर हम अपनी सभ्यता और संस्कृति की दुहाई देते नहीं थकते
अपने आप को विश्व गुरु मानते हैं
लानत है
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