अपने फूले फूले , लाल लाल गालों से
दूर से ही चिढा रहा है
औकात हो तो ही आना मेरे पास
नहीं तो दूर से दर्शन कर लेना
सलाद से गायब
सब्जी से गायब
पिज्जा से गायब
इतना कीमती हो गया
सैकड़ा के ऊपर चला गया
आखिर कब तक
कभी न कभी फिर अपने पर आएगा
तब दस - बीस के भाव बिकेगा
तब तक भाव खा ले
ज्यादा भी मत मंहगा हो
नहीं तो फिर पिचकने और सडने लगेगा
याद है कुछ समय पहले सडक पर फेंका गया था
कोई कम दाम में भी पूछ नहीं रहा था
आज हो ले लाल लाल
कल फिर वही हवाल
तब तक सब कर लो इंतजार
बिन टमाटर खा लो
काम चला लो
ज्यादा दिन नहीं यह इतराएगा
फिर उसी राह पर आ जाएंगा
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