एहसास जरूर हो
वह अपनेपन का हो
प्यार का हो
रिश्तों में गर्माहट लाने का हो
तब कभी-कभी बोल लिया करो
हाल-चाल पूछ लिया करो
माना तुम बहुत बिजी हो
थोडा तो समय निकाल लिया करो
रिश्तों की भी भूख होती है
उनको समय-समय पर खाद - पानी की जरूरत होती है
नहीं तो मुरझाते देर नहीं लगती
उनको हरा - भरा रखना है
प्यार और अपनत्व से सींचना है
तब वह भी खिलखिलाएगे
जी भर कर मुस्कराएगे
यादों में गोते लगाएँगे
मन को मन के करीब
रिश्ते ही लाते हैं
तोड़ नहीं जोड़ कर देखें
जिंदगी न लहलहा उठे तो कहना
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