माँ हो तो खिला - खिला सा
सब हो पर वह न हो
तब सब रीता - रीता सा
ऐसा क्या है उसमें
जो और किसी में नहीं
वह जाती है तो ऐसा लगता है
घर भी अपने साथ ले जाती है
आती है तो लगता है सब भर गया
कुछ बात तो है उसमें
वह सबके साथ होती तो है
फिर भी हम उसमें ही सब देखते हैं
घर आकर उसे ही ढूंढते हैं
उसकी नजरों को देखने को व्याकुल रहते हैं
उसकी आवाज सुनने को आतुर रहते है
घर में सब कुछ हो
खाना रखा हो पर उसके बिना उसमें स्वाद कहाँ
उसके हाथ का परोसी सुई सुखी रोटी भी माल पुआ
उसकी प्यार भरी नजर
उसे न लगे किसी की नजर
उस बिन सब सूना
उस जैसा कोई न दूजा
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