राज करेगा धरती से अंबर तक
चांद पर जा पहुंचा है
गर्व से लहरा रहा है
ऊपर से टकटकी लगाए देख रहा है
अपने प्यारे भारत को
अपने न्यारे भारत को
अपने इंद्रधनुषी भारत को
जहाँ विभिन्नता में एकता
करती है निवास
है सब भिन्न भिन्न
धर्म, भाषा , खान - पान
एक है सबके मन को लगता प्यारा
वह है तिरंगा
तिरंगा भी याद कर रहा है
आजादी से चांद तक का सफर
न जाने कितने बलिदानो, कितनों प्रयासों से
यह सफर यहाँ तक पहुंचा
यह सिलसिला थमे नहीं
ऐसे ही चलता रहें
आज चांद तो कल सूरज की तमन्ना लिए
No comments:
Post a Comment