ना कोई किसी का सुन रहा है
ना कोई एक - दूसरे से ऑख मिला रहा है
न कोई एक साथ बैठ रहा है
सब एक - दूसरे को नजरअंदाज कर रहे हैं
बात क्या है
क्यों ऐसा हो रहा है
वह कैसे पता चलेगा
कोई अंतर्यामी तो है नहीं
बोलचाल बंद
सब व्यवहार बंद
प्यार को अंदर आने का रास्ता ही नहीं
जहाँ प्यार ही न पनपे
तब अपनापन कैसे पनपेगा
तुम अपने में रहो
हम अपने में
आपस में झूठमूठ अपनापन का दिखावा क्यों ??
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