Thursday, 31 August 2023

संपत्ति और संतति

संपत्ति और संतति 
इन्हीं के इर्द-गिर्द डोलती जिंदगी 
मर - मर कर जमा किया 
कौडी- कौडी जोड़ा 
न जाने क्या-क्या त्यागा 
तब यह पास आया 

संतति के लिए क्या-क्या न किया
सामर्थ्य से ज्यादा 
रात - दिन एक कर दिया
स्वयं की इच्छाओं को दरकिनार किया
अपने लिए न सही इनके भविष्य सुरक्षित करने का प्रयत्न 

यह भी भ्रम है
दोनों कब छोड़ जाएं 
कह नहीं सकते
कहावत है ना 
   पूत , सपूत तो धन संचय क्यों 
   पूत , कपूत तो धन संचय क्यों  ।

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