Wednesday, 30 August 2023

रात गई बात गई

ताजी - ताजी निखरी धूप
सुनहरी धूप के साथ आगमन 
रात भर आराम फरमा 
अब निकली है
कल और आज के बीच
काली - कलोख अंधेरी रात भी थी
सब बिसरा कर निकली है
सब प्रतीक्षा रत 
खुशी खुशी स्वागत 
आलस छोड़ काम पर 
पशु- पक्षी तक
कल क्या हुआ
सब भूल गया
रात गई बात गई 

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