Saturday, 19 August 2023

हवा और भावना

हवा दिखाई नहीं देती
महसूस कराती है
मैं हूँ यही 
तुम्हारे आसपास 
तुम्हारी हर साँस में समाई
मुझे देखने की कोशिश मत करना 
मैं कभी नहीं दिखुगी 
हाॅ तुम्हारा ख्याल जरूर रखूगी 
तुम्हारे आसपास ही मंडराती रहूंगी 
यही हाल भावनाओं का है
भावना दिखती नहीं 
महसूस होती है
अपनेपन और प्यार में 
बिना कहे बिना सुने
मन को मन से जोड़ती है
माँ की छडी भी फूल समान
पिता की डांट में भी दुलार 
बहन से झगड़े में भी प्यार 
कुछ न समझाना है 
न कहना है
प्यार की भाषा को शब्दों की जरूरत नहीं 
प्रकटीकरण की आवश्यकता नहीं 
ऐसा ही होता है
हवा और भावना का मिजाज 

No comments:

Post a Comment