जो दूर था अब समीप होने वाला है
जो कल्पना था वह अब सच होने वाला है
चंदा मामा दूर के
पुआ पकाए पूर के
अब मामा से मिलना आसान होगा
उनके घर भी जा सकेंगे
अब तुम्हारे लिए चांद- तारें तोड़ लाऊगा
यह न कह कर
अपनी प्रेमिका को चांद पर ही ले जाने का वादा होगा
चांद को अपने सौंदर्य का दीदार करवाएगा
समय बदल रहा है
विज्ञान नई परिभाषा गढ रहा है
साहित्य और कविता भी बदलेगी
उनके और कुछ सुर होंगे
चल चले इस दुनिया से दूर
चांद पर हो अपना एक घर
जहाँ केवल हम और तुम
तारों से दोस्ती होगी
चारों ओर मदमस्ती होगी
हम विचरण करेंगे वहाँ
नीचे लोग भरेगे आह।
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