नागपंचमी का त्यौहार है
सर्पों और नागों की पूजा
बाबा भोलेनाथ के प्रिय
उनके गले का हार
बनी रही नाग देवता की कृपा अपरंपार
विषधर की भी पूजा
ऐसी भारतीय संस्कृति नहीं कोई दूजा
हर जीव है इस पृथ्वी का अंश
सबकी ही है अपनी महिमा
हलधर का साथी
ये सांप हैं उनके लिए उपयोगी
अमृत ही नहीं विष की भी जरूरत
तभी रहता पृथ्वी का संतुलन।
Happy Nag Panchmi
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