कितना बोझ लादोगे
उसका भी तो कुछ ख्याल करो
सबका ख्याल रखते रखते उसे भूल गए
उसका तो तुम्हारे सिवा कोई नहीं
दूसरों के लिए तो क्या क्या करते हो
कहीं फलाने का मन न दुख जाएं
इस कारण अपने मन को दुखाते हो
दूसरों की मनमर्जी उस पर लादते हो
कभी सोचा है
वह मसोसकर रह जाता है
प्यार से वंचित रह जाता है
उस पर न जाने क्या-क्या अनचाहा थोपते हो
वह सिसकता है लेकिन उसकी सुनते नहीं
हर बार उसको मारते हो
यह छोटा सा है मन
कितना बोझ लादोगे
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