यह मजाक हुआ करता था
यह देखने के लिए कि इसके पास कितनी अकल है
कान को तो कोई नहीं ले जा सकता है
लेकिन कुछ लोग कान के कच्चे होते हैं
वह दूसरों की सुनी - सुनाई बातों पर विश्वास कर लेते हैं
ईश्वर ने उन्हें भी कान दिया है वह यह बात भूल जाते हैं
सब कुछ दूसरों के कहे अनुसार
अब ऐसे लोग को क्या कहा जाएं
बिना रीढ़ की हड्डी के जैसे।
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