Wednesday, 13 September 2023

यह समाज

इसने मुझे धोखा दिया
उसने मुझे धोखा दिया
यह समाज ऐसा है
लोग ऐसे हैं 
यह सब बात तो सही है
कहीं न कहीं हमसे भी कुछ चुक हुई होगी
कमी हममें भी रही होगी
हम क्यों नहीं प्रतिकार कर पाते
जवाब नहीं दे पाते
विश्वास कर लेते हैं 
हम डरपोक बन जाते हैं 
समाज सदियों से ऐसा ही है
जीना दूभर कर देता है 
इधर चलो तब भी उधर चलो तब भी
यह किसी को नहीं छोड़ता 
यही समाज है 
जिसने ईसा को सुली पर चढाया और आज उनकी पूजा करता है
यही समाज है जिसने गांधी को गोली मारी 
अहिंसा के पुजारी को हिंसा दिया 
यही समाज है जिसने सुकरात और मीरा को जहर दिया
यही समाज है जिसने ज्योतिबा फुले पर गोबर फेंका 
इसने तो भगवान राम जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम तक को नहीं छोड़ा 
यह सब पता है 
रहना भी यही है इनके साथ
मजबूरी है 
अकेले रह नहीं सकते
समाज से निपटने में सक्षम होना चाहिए 
यहाँ सब खराब है ऐसा नहीं है
अच्छे लोग भी हैं 
बस अपने विवेक से काम करना चाहिए 
आज बोलेगा कल सलाम मारेगा 
इसकी बात क्या सुनना और क्या दिल पर लेना 
अपना कर्म करना ।

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