Tuesday, 5 September 2023

मैं शिक्षक हूँ

मैं भूत , वर्तमान और भविष्य 
तीनों का कारण हूँ 
मैं शिक्षक हूँ 
भूत को सुधारता हूँ 
वर्तमान को गढता हूँ 
भविष्य को निर्माण करता हूँ 

मैं ज्यादा नहीं चाहता
हाँ इतना जरुर चाहता हूँ 
मेरा हर छात्र सफल रहें 
ऊंचाइयों तक पहुँचे
मैं ही वह हूँ 
जो आपकी सफलता देख कर इतराता है
गर्व से कहता है
यह मेरा स्टूडेंट हैं 
हम ही ऐसे हैं जो आपको ऊपर चढते देख जलते नहीं 
न हतोत्साहित करते
बल्कि प्रोत्साहित करते 

हम ही वह हैं 
जहाँ हमें कोई एक नहीं सब प्रिय 
फिर वह चाहे कैसा भी हो
सबको एक ही जैसा ज्ञान 
हमारी नजरों में सब समान
हमारा एक भी छात्र असफल न हो
यही हमारी इच्छा 
क्योंकि तुम्हारी सफलता और असफलता के बीच हम जो हैं 
क्या यही सीखा है  तुमने 
यह ताना सुनने की अपेक्षा 
यह सुनना 
न जाने इनके शिक्षक कैसे होंगे और इनकी पाठशाला 
जिनकी वजह से यह मुकाम हासिल है 
हम ईश्वर नहीं है 
न हम जन्मदाता है
पर उनके भी गुरू तो हम ही हैं 
गुरू बिना ज्ञान कहाँ 
             हमारी संपूर्ण गुरू जाति को नमन

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