Thursday, 14 September 2023

तुम मेरी हिंदी हो

तुम हमारी अपनी हो
हमारे हदय में बसती हो
हमारे साथ साथ चलती हो
बहुत कुछ दिया है तुमने
हमारी अभिव्यक्ति का माध्यम हो
संपर्क का साधन हो
अजनबियों से मेल कराती हो
अपनेपन से लोगों से मिलवाती हो
तुम पर पूर्ण अधिकार हमारा 
हमको , हमसे ही परिचय करवाती हो
हमारी सोच - विचार में तुम ही
तुम न होती तो हम निराधार रह जाते 
तुम पर हमको शान है 
शर्म नहीं गर्व है कि तुम मेरी 
सबको प्रेम से अपनाती हो
अपने में समाहित करती हो 
दूसरों के लिए अपने को भी तोड़ मरोड़ लेती हो
दूसरे के अनुसार अपने को ढाल लेती हो
अमीर - गरीब  , मालिक- मजदूर सबकी तुम हो
बहुत नहीं थोडा ही सही
हर कोई परिचित है तुमसे
हमारी रोजी - रोटी हो 
तुम माँ हो प्यार से दुलराती हो
ज्ञान का भंडार देती हो
तुम हो मेरे साथ तभी हम भी कुछ हैं 
तुम मेरा सम्मान बढाती हो
हमारी आन - बान - शान - भावना - विचार तुम ही हो 
अब तो सब समझ ही गए होंगे 
तुम मेरी कौन हो 
    तुम मेरी प्यारी हिन्दी हो
     हिन्द की हिन्दी 
     भारत की हिन्दी 
     सबकी सखी 
     सबकी प्यारी सबसे न्यारी 
     है हिन्दी हमारी 

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