Friday, 8 September 2023

कान्हा का जन्म

कान्हा का जन्म तो सबको याद रहा
याद रहना भी चाहिए 
जगत के पालनहार का जन्मदिन था
उत्सव मनाने का दिन था
उस दिन एक और शिशु का भी जन्म हुआ था
वह थी योगमाया 
कान्हा तो गोकुल पहुँच गए 
मामा कंस के कोप का भाजन बनी थी वह बेटी
जिसने कहा था
तुम्हारा काल तो गोकुल में जन्म ले चुका है
बेटा - बेटी दोनों ही संतान 
तब खुशी के हकदार तो दोनों ही
वह योगमाया ही थी जिनको बदलकर वसुदेव कृष्ण को ले गए थे
कृष्ण की जीवन रक्षा का कारण वह बनी
सबको जीवन देने वाले का जीवन बनी
कन्हैया के साथ उनका भी स्मरण करना जरूरी है 
देवकी की आठवीं संतान तो पुत्र ही था यह तो नियति लिखित था 
कंस वध तो उनके द्वारा ही होना था पर जन्मते तो वध नहीं करते 
मनुष्य लीला करनी थी 
उस दिन भी एक पुत्र को बचाने के लिए पुत्री को सामने किया गया था
दोनों का जीवन बहुमूल्य ही था 

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